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'आम मरीज बनकर सफदरजंग आया था, तब गार्ड ने मुझे मारा था डंडा' बोले स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया


24 अगस्त की रात में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया एक आम मरीज बनकर सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचे थे। 16 सितंबर को सफदरजंग अस्पताल में बतौर मुख्य अतिथि

दुर्गा प्रसाद शुक्ल ‘आजाद‘ 20 Oct 2021

नई दिल्ली
सफदरजंग अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को वहां के गार्ड ने डंडा मारा और वहां से हटने के लिए कहा। मंत्री ने खुद इस घटना का खुलासा अधिकारिक रूप से सफदरजंग अस्पताल के ही एक कार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों और स्टाफ को संबोधित करते हुए कहा। हालांकि, मंत्री ने गार्ड के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया और व्यवस्था को सुधार करने में बल देने की बात कही।

मामला 24 अगस्त का है। रात में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया एक आम मरीज बनकर सफदरजंग अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचे थे। लेकिन, 16 सितंबर को सफदरजंग अस्पताल में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे और कई सुविधाओं का उद्धाटना किया। इस दौरान उन्होंने अपने पिछले विजिट के बारे में उपस्थित डॉक्टरों को बताया। सूत्रों का कहना है कि मंत्री ने कहा कि उस रात मैं एक आम मरीज बनकर आया था। वहां एक बेंच पर जाकर बैठ गया। गार्ड आया और उसने हटने के लिए मुझे डंडा मारा। बार बार कहा कि यहां बैठना नहीं है।


मंत्री ने उस दिन अपने बयान में पहले कहा कि अस्पताल और डॉक्टर एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। लेकिन, उस रात मैंने एक बजे तक सारा सिस्टम देखा। अस्पताल में बाउंसर घूम रहे थे। हट्टा कट्टा बाउंसर। मैं भी घबरा गया। मंत्री ने कहा कि मरीज तो इलाज के लिए आते हैं, झगड़ा करने के लिए तो नहीं आते। इतनी सिक्यूरिटी किस वजह से। मंत्री ने कहा था कि इसका मतलब यह है कि मरीज और उसके साथ आए लोगों को गुस्सा आता है। गुस्सा क्यूं आता है? उसके गुस्से को बैलेंस करने के लिए गार्ड और बाउंसर रखे गए हैं। मंत्री ने कहा कि मरीज और उसके रिश्तेदारों को गुस्सा क्यूं आता है, हमारे सिस्टम में गड़बड़ी है।

उस रात की घटना के बारे में उन्होंने कहा कि जब मैंने वहां तैनात डॉक्टर से मिलने की कोशिश की, तब भी उन्हें रोक दिया गया। अंदर घुसने नहीं दिया गया। पूछा क्या काम है? मैंने कहा कि कुछ बात करनी है। तब बैठने को कहा। मैंने तब पूछा कि कितने गार्ड हैं, तो बताया गया कि 1500 हैं। मंत्री ने कहा कि जब इस घटना के बारे में मैंने पीएम को बताया तो उन्होंने पूछा कि क्या एक्शन लिया? मैंने कहा कि कुछ नहीं किया सर। मैं चाहता तो उस दिन 2-3 डॉक्टर को सस्पेंड कर सकता था।


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